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Shrimad Bhagavad Gita Adhyay 2 | श्रीमद्भागवद्गीता अध्याय 2

Duration: 26:59Views: 24.7KLikes: 327Date Created: Dec, 2019

Channel: ॐ नमः शिवाय

Category: Nonprofits & Activism

Tags: bhagwat gitaगीताbhagavad gita chapter 2shrimad bhagavad gitageeta adhyay 2 in hindigita adhyay 2 in hindikrishnabhagavad geeta chapter 2bhagavad gita in hindigeetashrimad bhagwat geeta pathbhagwat geeta with narrationshrimad bhagwat geetashrimad bhagwat gita in hindibhagwat geeta saar in hindisampoorna bhagavad gitabhagavad gitaश्रीमद भगवत गीता सारश्रीमद भगवत गीता सार- अध्याय

Description: #bhagavadgita #shrimadbhagwatgeeta #shrimadbhagavadgita Shrimad Bhagavad Gita - Adhyay 2 | श्रीमद्भागवद्गीता अध्याय 2 वसुधैव कुटुम्बकम् में रहने वाले आप सभी मेरे बंधुओ को मेरा ॐ नमः शिवाय, जय श्री कृष्ण। श्रीगीताजी की महिमा को वाणी द्वारा वर्णन करने के लिये कोई भी समर्थ नहीं है; क्योकि यह एक परम रहस्यमय ग्रन्थ है! इसमे सम्पूर्ण वेदों का सार संग्रह किया गया है! इसकी संस्कृत इतनी सुंदर और सरल है कि थोडा सा अभ्यास करने से मनुष्य उसको सहज ही समझ सकता है; परन्तु इसका आशय इतना गम्भीर है कि आजीवन निरन्तर अभ्यास करते रहने पर भी उसका अन्त नहीं आता। प्रतिदिन नये-नये भाव उत्पन्न होते रहते हैं ,इससे यह सदैव नवीन बना रहता है एवं एकाग्रचित्त होकर श्रद्धा-भक्ति सहित विचार करने से इसके पद-पद में परम रहस्य भरा हुआ प्रत्यक्ष प्रतीत होता है। भगवान्के गुण, प्रभाव और मर्म का वर्णन जिस प्रकार इस गीता शास्त्र में किया गया है, वैसा अन्य ग्रन्थों में मिलना कठिन है; क्योंकि प्रायः ग्रन्थों में कुछ ना कुछ सांसारिक विषय मिला रहता है। भगवान्ने ’’श्रीमद्भगवद्गीता’’ रूप एक ऐसा अनुपमेय शास्त्र कहा है कि जिसमें एक भी शब्द सदुपदेश से खाली नहीं है। कल्याणकी इच्छा वाले मनुष्यों को उचित है कि मोह का त्याग कर अतिशय श्रद्धा-भक्ति पूर्वक अपने बालको को अर्थ और भाव के साथ श्रीगीताजी का अध्ययन कराये एवं स्वयं भी इसका पठन और मनन करते हुए भगवान की आज्ञानुसार साधन करने में तत्पर हो जाए; क्योकि अति दुर्लभ मनुष्य शरीर को प्राप्त होकर अपने अमुल्य समय का एक क्षण भी दुःख मूलक क्षणभंगुर भोगां के भोगने में नष्ट करना उचित नहीं है।

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